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प्रकृति पर कविता






प्रकृति का क्या कहना
प्रकृति कि बाहों में ही है हमें रहना ।
करती है ये पूरी , 
हमारी सभी ज़रूरत ,
इसलिए तो है ये इतनी ख़ूबसूरत ।

जी करता है रहूं घूमता
इसके जंगलों की घनी वादियों में ,
देखकर हो जाएगा प्यार सभी को इसके
पेड़, पौधें, नदी, झड़ने, जंगल आदियों से ।

इसके कुछ जगहों को देख कर
जाते है हो रौंगटे खड़े ,
आती है फिर आवाज़ दिल से 
चल इसके कुछ और क़रीब चलें ,
इसकी खूबसूरती का कर नहीं सकता कोई बखान
जो हमें देती है सब कुछ 
सोचो होगी कितनी वो महान ।

इसलिए है मेरा बस एक ही कहना ,
प्रकृति का क्या कहना
इसके है बाहों में है हमें रहना ।


Thank you
 
~DP & TEAM
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