प्रकृति का क्या कहना
प्रकृति कि बाहों में ही है हमें रहना ।
करती है ये पूरी ,
हमारी सभी ज़रूरत ,
इसलिए तो है ये इतनी ख़ूबसूरत ।
जी करता है रहूं घूमता
इसके जंगलों की घनी वादियों में ,
देखकर हो जाएगा प्यार सभी को इसके
पेड़, पौधें, नदी, झड़ने, जंगल आदियों से ।
इसके कुछ जगहों को देख कर
जाते है हो रौंगटे खड़े ,
आती है फिर आवाज़ दिल से
चल इसके कुछ और क़रीब चलें ,
इसकी खूबसूरती का कर नहीं सकता कोई बखान
जो हमें देती है सब कुछ
सोचो होगी कितनी वो महान ।
इसलिए है मेरा बस एक ही कहना ,
प्रकृति का क्या कहना
इसके है बाहों में है हमें रहना ।
Thank you
~DP & TEAM
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