Header Ads Widget







अंतिम सवाल

अंतिम सवाल

by: - Vanshika

जब पूछा मेरे बेटे ने मुझसे 

तुमने किया क्या मेरे लिए,

तो मैं यह दर्द सह ना पायी।

सवाल में भार इतना था,

अपनी ज़िंदगी का सार

एक अंतिम सवाल के रूप में लायी।


जिस दिन था तू जन्मा,

उस दिन मैं फूली न समाई।

तुझे छू भर लेने से लगा,

जैसे मैंने जन्नत पाई।


तेरी नींद में कोई अर्चन न आए,

तो मैंने राते बिना सोए बिताई।

जब तू रातों को जागने लगा,

तो मैंने पूरी रात तुझे लोरी सुनाई।


तेरे पसंद के खाने के लिए,

मैने अपनी भूख भी भुलाई।

तेरे सेहत पर कोई आंच न आए,

इसलिए मैने करवी दवाई भी खाई।


तेरे पसंद के खिलौने के लिए,

मैने अपनी ज़िंदगी दो सारी में बिताई।

तेरी इच्छाएं पूरी करने के लिए,

मैने अपने रुचियों की फांसी लगाई।


बहुत घमंड था मुझे खुद पर,

कि मैने तुझे जैसी औलाद है पाई।

पर आज एक सवाल है दिल में,

क्या मैं मां बनने की परीक्षा में सफल हो पाई?

Like this Post ⬇






Poem Competition Registration

⬇ ⬇ ⬇ ⬇ ⬇ ⬇
HTML tutorial

Post a Comment

0 Comments